DR PRIYANKA CHOUDHARY BIOGRAPHY IN HINDI 2024, डॉ प्रियंका चौधरी का जीवन परिचय |

DR PRIYANKA CHOUDHARY BIOGRAPHY IN HINDI: राजनीति के खेल में जनता ने कई बार साबित किया है कि नेताओं के जीतने हारने और उनके करियर का निर्णय केवल और केवल जनता ही तय करती हैं. विधानसभा चुनाव 2023 में राजस्थान में बाड़मेर की दो सीट बहुत चर्चित रही. नतीजे में दोनों निर्दलीय उम्मीदवार जीते. पार्टियों द्वारा जन भावनाओं के विरुद्ध टिकट दिए जाने की बात सिद्ध हुई.

डॉ प्रियंका चौधरी का जीवन परिचय Dr Priyanka Choudhary Biography In Hindi Barmer Mla PC Choudhary family husband news contact number, address, history निर्दलीय विधायक बाड़मेर की जीवनी संघर्ष कहानी.

बाड़मेर में कांग्रेस के दिग्गज नेता मेवाराम जैन को 8 बार विधायक, 3 बार मंत्री, 2 जिला प्रमुख, 1 बार प्रधान रहे स्व श्री गंगाराम जी चौधरी की बेटी प्रियंका चौधरी ने भारी अंतर से पराजित किया. भाजपा से टिकट चाहने के बावजूद जब प्रिंयका को टिकट नहीं मिला तो निराश होने की बजाय लोगों के सहयोग और भरोसे को जीवित रखने के लिए निर्दलीय पर्चा भरा. महंत जगरामपुरी और स्वर्गीय गंगाराम जी के परिवार को अपना आइडियल मानने वाले सभी युवाओं और मतदाताओं ने चुनाव प्रचार का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया था, परिणाम के रूप में 2013 की पराजय का हिसाब चुकता हुआ. मदन कौर के बाद डॉ प्रिंयका चौधरी बाड़मेर से दूसरी महिला विधायक बनी. उनके दादा जी भी कई बार निर्दलीय चुनाव जीते थे.

DR PRIYANKA CHOUDHARY BIOGRAPHY IN HINDI
DR PRIYANKA CHOUDHARY BIOGRAPHY IN HINDI
डॉ प्रियंका चौधरी कौन हैं (Who is Priyanka Choudhary)

वर्तमान में निर्दलीय विधायक बाड़मेर, पूर्व निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार, पूर्व यु आई टी चेयर पर्सन बाड़मेर रह चुकी डॉ प्रियंका चौधरी एक बड़े राजनैतिक घराने से आती हैं. खड़ीन गाँव के रामदान जी डाउकिया के परिवार का जाट राजनीति में बड़ा नाम हैं. प्रियंका के दादा स्व गंगाराम जी बाड़मेर के कई बड़े नेताओं के राजनैतिक गुरु थे, वे आठ बार विधायक बने और कई बार राज्य सरकार में मंत्री भी रहे. 1993 में गंगाराम जी बाड़मेर से निर्दलीय विधायक जीते, 30 साल बाद 3 दिसम्बर 2023 को उनकी पोत्री डॉ प्रियंका चौधरी ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मेवाराम जैन को चुनावी शिकस्त देकर एक तीन दशक पुरानी परिपाटी को पुनर्जीवित किया. प्रियंका ने पहला विधायक चुनाव 2013 में भाजपा की टिकट पर लड़ा मगर वह हार गई. 2018 में पार्टी ने उनका टिकट काटकर कर्नल सोनाराम चौधरी को टिकट दिया था मगर वह भी हार गये.

डॉ प्रियंका चौधरी का जन्म, परिवार

महिला नेत्री प्रियंका चौधरी का जन्म 1973 में श्री गणपत स्वरूप चौधरी के यहाँ हुआ था. इनके दादा गंगाराम और परदादा श्री रामदान जी जाने माने समाज सेवक थे. किसान कौम के हितों की रक्षा के लिए उन्होंने बड़ी लड़ाई लड़ी. इनके पति का नाम स्व श्री नानूराम जी था.

डॉ प्रियंका चौधरी की शिक्षा

बात करे प्रियंका चौधरी की अहर्ता की तो ये वर्ष 1994 में राजस्थान विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री हासिल कर चुकी हैं. 1996 में इन्होने RU से ही लोक प्रशासन में एम ए की डिग्री की तथा वर्ष 2005 में प्रियंका ने राजस्थान युनिवर्सिटी से बीडीएस की डिग्री पूरी की.

डॉ प्रियंका चौधरी का राजनीतिक करियर

बहुत छोटा राजनीति करियर मगर बहुत ही आकर्षक, संघर्ष से परिपूर्ण समाज का अथाह स्नेह इन्हें मिला हैं. साल 2013 के विधान सभा चुनाव में प्रियंका जी पहली बार चुनाव में उतरी मगर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. ठीक दस साल बाद भाजपा के सिम्बल पर पर्चा भरा तो पार्टी ने टिकट काट दी, अंतिम समय में निर्दलीय चुनाव लड़ा और करीब एक लाख 2 हजार वोट हासिल किए. इस चुनाव में इन्होने मेवाराम जैन को तेरह हजार 300 वोटों से हरा दिया.

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