क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य दर? (What Is MSP Rate?)

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी किसानों को दी जाने वाले एक गारंटी की तरह होती है, जिसमें तय किया जाता है कि बाजार में किसानों की फसल किस दाम पर बिकेगी। दरअसल, फसल की बुआई के दौरान ही फसलों की कीमत तय कर दी जाती है और यह तय कीमत से कम में बाजारों में नहीं बिकती है।

MSP की शुरुआत कब हुई? यह आयोग जनवरी1965 में अस्तित्व में आया। यह आयोग कृषि उत्पादों के संतुलित एवं एकीकृत मूल्य संरचना तैयार करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सलाह देता है। इस आयोग के द्वारा 24 कृषि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किये जाते हैं।

एमएसपी का क्या फायदा है? आय सुरक्षा : एमएसपी किसानों को उनकी फसलों के लिए न्यूनतम मूल्य की गारंटी देता है, स्थिर आय सुनिश्चित करता है और उन्हें बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव से बचाता है। मूल्य स्थिरता: एमएसपी कृषि उत्पादों की कीमतों को स्थिर करने, अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने और उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतें सुनिश्चित करने में मदद करता है।

एमएसपी पर फसलों की खरीद कौन करता है? MSP वह दर है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है. यह किसानों की उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना अधिक होती है. केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत (Crop Rates) तय करती है. किसान को अपनी फसल की एमएसपी (MSP) के तहत निर्धारित कीमत मिलती ही मिलती है, चाहे बाजार में दाम जो हो.

एमएसपी फायदे और नुकसान क्या है? आय सुरक्षा सुनिश्चित करना: एमएसपी किसानों की उपज के लिए न्यूनतम गारंटी मूल्य प्रदान करता है । यह उन्हें कीमतों में उतार-चढ़ाव और बाजार जोखिमों से बचाता है, खेती में उनके प्रयासों और निवेश के लिए एक स्थिर आय सुनिश्चित करता है

एमएसपी क्या है  न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह दर है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है और यह किसानों की उत्पादन लागत के कम-से-कम डेढ़ गुना अधिक होती है। 'न्यूनतम समर्थन मूल्य' किसी भी फसल के लिये वह 'न्यूनतम मूल्य' है, जिसे सरकार किसानों के लिये लाभकारी मानती है और इसलिये इसके माध्यम से किसानों का 'समर्थन' करती है।