Towel Manufacturing Business Kaise Shuru Kre in hindi/तौलिया बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? प्रक्रिया, पंजीकरण, मशीनरी, खर्चा कमाई। #Storiesviewforall

Towel Manufacturing Business Kaise Shuru Kre in hindi/तौलिया बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? प्रक्रिया, पंजीकरण, मशीनरी, खर्चा कमाई। #Storiesviewforall

Towel Manufacturing Business In India in Hindi – दिन में आप एक नहीं बल्कि कई तरह के तौलियों का इस्तेमाल कई बार करते होंगे । खाना खाने से पहले हाथ धोने हैं तो पोछने ले लिए तौलिया चाहिए होता है। नहाने के बाद तन को पोछने के लिए तौलिया चाहिए होता है। जहाँ पहले एक घर में रहने वाले लोग केवल एक ही तौलिये से काम चला लिया करते थे । लेकिन वर्तमान में संक्रमण और साफ़ सफाई के प्रति बढती जागरूकता के कारण घर के प्रत्येक सदस्य अपना अलग अलग तौलिया इस्तेमाल करने लगे हैं।

Towel Manufacturing Business Kaise Shuru Kre in hindi
                            Towel Manufacturing Business Kaise Shuru Kre in hindi

यही कारण है की आज एक घर में जितने सदस्य हैं उतने अलग अलग नहाने वाले तौलिये आपको दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा हाथ पोछने वाले तौलिये अलग और बच्चों की देखरेख में इस्तेमाल में होने वाले तौलिये अलग से होते हैं।

कहने का आशय यह है की हम अपनी नित्य प्रतिदिन के कामों को निबटाने के लिए एक बार नहीं बल्कि दिन में कई बार तौलियों का इस्तेमाल करते हैं। आम तौर पर तौलिये विभिन्न सामग्री जैसे कॉटन, रेयान, और अन्य कपड़ों से बनाये जाते हैं। इनमें पानी को तुरंत सोखने का गुण विद्यमान होता है।

यही कारण है की नहाने के बाद तन में जो पानी होता है उसको सोखने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि प्राचीन काल में लोग तौलिये के तौर पर कपड़ों का ही इस्तेमाल कर लिया करते थे। लेकिन आधुनिक जीवनशैली में तौलिये के उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं।

तौलिये के उपयोग और बाज़ार

तौलिया किसी कपड़े का एक ऐसा टुकड़ा होता है जिसमें सोखने की शक्ति निहित होती है। यही कारण है की तौलियों का उपयोग किसी सतह या शरीर को सुखाने के लिए किया जा सकता है । यह जब किसी सतह या फिर शरीर के संपर्क में आता है तो यह हवा से नमी को सोख लेता है। कपड़े के तौलियों का इस्तेमाल आम तौर पर घरों में सबसे ज्यादा होता है, जबकि बाकी जगहों पर पेपर टॉवल का भी इस्तेमाल होता है। घरों में हाथ पोछने, नहाने, बच्चों की देखरेख इत्यादि में कपड़ों से निर्मित तौलिये ही इस्तेमाल में लाये जाते हैं।

घरों के अलावा समुद्र तटों पर भी कपड़े से निर्मित तौलियों का ही इस्तेमाल किया जाता है। तौलियों की खपत का सीधे सीधे सम्बन्ध मानव के आर्थिक विकास से सम्बंधित हैं । क्योंकि आज भी तौलियों की खपत में यूरोप सबसे पहले स्थान पर आता है।

भारत में भी लोगों की जीवनशैली और डिस्पोजेबल इनकम में हो रही बढ़ोत्तरी के कारण तौलियों की खपत साल दर साल बढ़ रही है। इसके अलावा ऐसे उद्यमी जो खुद का तौलिया बनाने का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उनके लिए अपने उत्पाद को बाहरी देशों के बाज़ारों में बेचने के भी पूरे अवसर विद्यमान हैं ।

तौलिये बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to start towels Manufacturing Business In India):

तौलिया बनाने का बिजनेस शुरू करना कपडा खरीदकर उसे कट देना और चारो तरफ से सिलाई कर देना जितना आसान नहीं है । हालांकि जो लोग बहुत ही कम पैसों में यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं की वे बाज़ार से तौलिये का कपडा बना बनाया खरीद लें, और उसके बाद उसे आवश्यक लम्बाई चौड़ाई में काटकर, सिलाई करके तौलिया बनाकर मार्किट में बेच दें ।

लेकिन ऐसे उद्यमी जो खुद का तौलिया बनाने का उद्योग लगाना चाहते हैं और एक दिन में 10-20 तौलिये नहीं, बल्कि सैकड़ों तौलियों का निर्माण करना चाहते हैं। उनके लिए इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने की प्रक्रिया निम्नवत है।

बिजनेस की लिखित योजना बनाएँ

एक बिजनेस में आपको अपना सब कुछ पैसा, समय मेहनत सब लगाना होता है, ऐसे में जरुरी हो जाता है की उसे शुरू करने से पहले उसकी एक उचित और व्यवहारिक योजना तैयार कर लें। बिजनेस की योजना बनाते समय उद्यमी को सिर्फ मार्किट रिसर्च, प्रतिस्पर्धा का ही आकलन नहीं करना है। बल्कि यदि उद्यमी तौलियों का निर्माण नए डिजाईन और क्वालिटी के साथ कर सकता है तो यह उसके बिजनेस को बहु ज्यादा फायदा पहुँचाने वाला हो सकता है।

सिर्फ इतना ही नहीं उद्यमी को यह भी उल्लेख करना होता है की वह कौन से कच्चे माल का इस्तेमाल करने वाला है, और उसे वह सोर्स कहाँ से करेगा । तौलिये बनाने की आधुनिक मशीनरी कहाँ से खरीदेगा? निर्माण प्रक्रिया क्या होगी? उसके इस बिजनेस को शुरू करने में कुल कितनी लागत आएगी, और वह उन पैसों का प्रबंध कहाँ से करेगा।

यही नहीं आने वाले एक दो वर्षों बाद वह अपने बिजनेस को कहाँ देखना चाहेगा? और वहां तक पहुँचाने के लिए उसे क्या क्या और कैसे करना है, यह सब योजना लिखित रूप में तैयार होनी चाहिए।      

फण्ड की व्यवस्था करें

किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए पैसा सबसे महत्वपूर्ण उपकरण होता है। पैसा हो तो कोई नौसिखिया व्यक्ति भी अपना कुछ भी बिजनेस शुरू कर सकता है। हाँ यह दूसरी बात है की वह उस बिजनेस को अच्छे ढंग से चला पाता है या नहीं। तौलिया बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए भी उद्यमी को फण्ड की व्यवस्था करनी होती है ।

हालांकि जब भी कोई व्यक्ति खुद का बिजनेस शुरू करने की सोचता है तो वह सबसे पहले अपनी बचत के पैसों पर भरोसा करके ही ऐसा कदम उठाने के बारे में सोचता है। इसलिए इस बिजनेस के लिए भी उद्यमी चाहे तो अपनी बचत के पैसों से फण्ड का प्रबंध कर सकता है।

इसके अलावा यार, दोस्तों, पारिवारिक सदस्यों से भी बिना ब्याज का कुछ समय के लिए ऋण प्राप्त कर सकता है। लेकिन इन सब स्रोतों के जरिये भी फण्ड का प्रबंध नहीं हो पा रहा है तो उद्यमी को किसी बैंक या गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान से ऋण लेने के बारे में विचार करना चाहिए ।     

जमीन या बिल्डिंग का प्रबंध करें

जिस प्रकार से हम एक घर बनाते हैं तो उसमें बेडरूम, डाइनिंग हॉल, किचन, बाथरूम इत्यादि भी बनाते हैं ताकि हम अपने घर में आराम से रह सकें। इसी प्रकार एक उद्योग लगाने के लिए भी सिर्फ जहाँ पर चीजों का निर्माण करना होता है उसी जगह की आवश्यकता नहीं होती। बल्कि कच्चे माल और उत्पादित माल दोनों को अलग अलग रखने के लिए अलग अलग स्टोर रूम, बिजली पैनल और उपकरणों को रखने के लिए जगह, ऑफिस इत्यादि कामों को निबटाने के लिए एक ऑफिस की भी आवश्यकता होती है।

यही कारण है की तौलिया बनाने का उद्योग स्थापित करने के लिए किसी इच्छुक उद्यमी को कम से कम 2000 वर्गफीट जगह की आवश्यकता हो सकती है। अब आप सोचेंगे की इतनी बड़ी जगह को एक अच्छी लोकेशन पर किराये पर लेने में ही आपको लाखों रूपये खर्चा करने की आवश्यकता होगी। तो आपको बता देना चाहेंगे की तौलिया बनाने का उद्योग लगाने के लिए आपको अच्छी लोकेशन या भीड़ भाड़ वाली जगह की आवश्यकता नहीं होती है।

बल्कि एक ऐसी जगह जहाँ पर सड़क, पानी, बिजली जैसी आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता हो और वह जगह भले ही शहर से थोड़ी दूर किसी सुनसान जगह में भी हो तो भी चलेगा। क्योंकि वहाँ पर आप कम किराया देकर भी अपने बिजनेस के लिए जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध कर सकते हैं । फिर भी हम इस बिजनेस में आने वाली लागत का आकलन करने के लिए प्रति महिना ₹30000 किराया मान के चलते हैं।

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जरुरी पंजीकरण कराएँ

तौलिया बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को निम्लिखित लाइसेंस और पंजीकरण कराने की आवश्यकता हो सकती है ।

  • बिजनेस रजिस्ट्रेशन – जिसमें उद्यमी अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी इत्यादि में से किसी एक एंटिटी के तहत रजिस्टर करा सकता है ।
  • व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड और बैंक में चालू खाता खुलवा सकता है।
  • टैक्स रजिस्ट्रेशन – जीएसटी रजिस्ट्रेशन।
  • स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका, ग्राम पंचायत इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस ले सकता है।
  • फायर एवं पोल्यूशन विभाग से एनओसी।
  • अपने उद्यम को सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम के तौर पर रजिस्टर करने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन
  • यदि उद्यमी खुद के ब्रांड नाम के तहत तौलिये बेचना चाहता है तो ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन।      

कच्चा माल और मशीनरी खरीदें

तौलियों को बनाने में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी, उपकरण और कच्चा माल भी भारत के हर महानगर में आसानी से मिल जाता है । हालांकि उद्यमी चाहे तो सप्लायर ढूँढने के लिए ऑनलाइन प्लेटफोर्म का भी इस्तेमाल कर सकता है। मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • पॉवर लूम मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹5.5 लाख हो सकती है।
  • फैब्रिक डाइंग मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹1.3 लाख हो सकती है।
  • तौलिये को लम्बाई में काटने वाली मशीन जिसकी कीमत ₹10.5 लाख हो सकती है।
  • औद्यौगिक सिलाई मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹35000 हो सकती है।
  • बायलर जिसकी कीमत लगभग ₹60000 हो सकती है ।
  • सामग्री को हैंडल करने वाले उपकरण एवं अन्य मशीनरी जिसकी कीमत हम ₹60000  मान के चल सकते हैं। 

एक ऐसा उद्योग जिसमें एक दिन में लगभग 400 तौलियों का उत्पादन किया जाता हो ऐसा उद्योग स्थापित करने में उद्यमी को लगभग ₹18.85 लाख मशीनरी और उपकरणों में ही खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है । इस बिजनेस में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • पॉलिएस्टर और सिंथेटिक फाइबर के साथ स्पिन धागा।
  • पालीविनायल अल्कोहल/स्टार्च (पीवीए स्टार्च)
  • ब्लीचिंग सामग्री जैसे हाइड्रोजन पेरोक्साइड, कास्टिक डिफॉमर्स, और अन्य सामग्री।         

जरुरी स्टाफ नियुक्त करें

तौलिये बनाने के बिजनेस को अच्छे ढंग से संचालित करने के लिए उद्यमी को कई तरह के कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता होती है। जिनकी लिस्ट कुछ इस तरह से है।

  • अकुशल/कुशल श्रमिक – 4
  • मशीन ऑपरेटर     –  2
  • हेल्पर           – 6
  • अकाउंटेंट/मैनेजर   – 1
  • सेल्समैन         – 2  

कुल मिलाकर उद्यमी को शुरुआत में ही लगभग 15 कर्मचारियों को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है ।

तौलिये बनाने का निर्माण शुरू करें

तौलिये बनाने की निर्माण प्रक्रिया में मुख्य तौर पर निम्न कदम उठाये जाते हैं।

  • सबसे पहले वार्पिंग प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है, इसमें पॉवर लूम मशीन की मदद से विभिन्न धागों से एक शीट यानिकी फैब्रिक तैयार करने के लिए इन धागों को पंक्तिबद्ध किया जाता है। ताकि ये धागे एक दुसरे में उलझें नहीं।
  • उसके बाद वीविंग यानिकी बुनाई की प्रक्रिया शुरू की जाती है। इस प्रक्रिया में विभिन्न धागों से एक फैब्रिक का निर्माण किया जाता है, जिसे बाद में तौलिया बनाने में इस्तेमाल में लाया जाता है।
  • उसके बाद ब्लीचिंग प्रक्रिया शुरू की जाती है यह एक प्रक्रिया होती है जिसमें फैब्रिक को साफ़ किया जाता है और फैब्रिक का जो नेचुरल रंग होता है उसे केमिकल का इस्तेमाल करके हटाया जाता है। इस प्रक्रिया का मकसद फैब्रिक को ज्यादा से ज्यादा सफ़ेद करना होता है, ताकि डाइंग के समय उसमें कोई भी रंग अच्छी तरह से मिलाया जा सके ।
  • अब अगली प्रक्रिया डाइंग की होती है, जिसमें फैब्रिक को मनचाहे रंग में बदला जाता है।
  • डाइंग प्रक्रिया के बाद तौलिये की साइज़ कटिंग सिलाई और फोल्डिंग करके पैकेजिंग प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है।        

तौलिये बनाने का बिजनेस में आने वाली लागत

तौलिये बनाने का बिजनेस शुरू करने में आने वाली लागत भी इस बात पर निर्भर करती है की उद्यमी कितनी उत्पादन क्षमता का संयत्र लगाना चाहता है । लेकिन तौलिये बनाने की एक ऐसी इकाई जिसमें दिन में लगभग 400 तौलियों का उत्पादन किया जाता हो, उसे शुरू करने में आने वाली अनुमानित लागत कुछ इस प्रकार से हो सकती है ।

खर्चे का विवरण खर्चा रुपयों में
मशीनरी और उपकरण ₹18.85 लाख
तीन महीने का किराया ₹90000
फर्नीचर और फिक्सिंग ₹1.5 लाख
कच्चा माल, सैलरी और अन्य कार्यशील लागत ₹5.5 लाख
कुल लागत ₹34.75 लाख
Total cost in towel manufacturing

तौलिये बनाने के बिजनेस से होने वाली कमाई

इस बिजनेस (Towel Manufacturing Business) से होने वाली कमाई भी इस बात पर निर्भर करती है उद्यमी किस तरह के तौलियों का निर्माण कितनी संख्या में कर रहा है। और उन्हें वह बाज़ार में कितनी कीमतों में बेच रहा है। लेकिन यदि उद्यमी 400 नहाने वाले तौलिये का निर्माण प्रतिदिन करता है। और पहले साल वह केवल 50% प्रोडक्शन कैपेसिटी के साथ शुरू करता है । तब भी वह इस बिजनेस से पहले ही साल में लगभग ₹7 लाख तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है।   

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