Skills Kya Hain Kaise Badhaye/स्किल क्या है? इसके प्रकार और स्किल डेवलपमेंट के तरीके | #Storiesviewsforall

किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए स्किल की जरुरत होती है। इसे यदि हम साधारण भाषा में समझें तो जैसा की हम सब जानते हैं की, किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए हमें उस कार्य को करने का ज्ञान, क्षमता और योग्यता होनी चाहिए। कार्य करने के इन्हीं गुणों को स्किल कहा जाता है, और इसे किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए और विकसित किया जा सकता है।

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                                                               Skills kya hain

किसी क्षेत्र विशेष में विशेज्ञता रखना, आपके कैरियर और जीवन के अन्य क्षेत्रों में अधिक सफलता का पर्याय बन सकती है। चूँकि स्किल वर्कफोर्स से सम्बंधित है। इसलिए इस लेख में हम इसके बारे में विस्तृत तौर पर जानने का प्रयत्न कर रहे हैं। skills kya hain

स्किल क्या है? इसके प्रकार और स्किल डेवलपमेंट के तरीके

स्किल एक ऐसा शब्द है, जिसमें किसी कार्य को करने के लिए आवश्यक ज्ञान, दक्षता और क्षमता का समावेश होता है। मनुष्य में स्किल उसके जीवन और उसके कार्य अनुभवों के आधार पर विकसित होते हैं, और इन्हें अध्यन करके, प्रशिक्षण प्राप्त करके सीखा भी जा सकता है। कौशल कई प्रकार का हो सकता है और कुछ लोगों में उनकी निपुणता, शारीरिक क्षमता और बुद्धि के आधार पर इन्हें बड़ी जल्दी भी सीखा जा सकता है।

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                      skills kya hain

स्किल टेस्ट के माध्यम से इन्हें मापा भी जा सकता है। अधिकतर नौकरियों के लिए कई तरह के स्किल्स की आवश्यकता होती है। यह एक ऐसी प्रतिभा है जो अभ्यास, अध्यन औ अनुभव से प्राप्त की जा सकती है।

स्किल्स के प्रकार  

वैसे देखा जाय तो कौशल यानिकी स्किल की कई श्रेणियाँ हैं, जिन्हें कोई भी व्यक्ति स्वयं में विकसित करने का निर्णय ले सकता है । लेकिन यहाँ नीचे हम स्किल के प्रकारों के कुछ उदाहरण दे रहे हैं, जिनमें महारत हासिल करके, कोई भी व्यक्ति उस तरह की दक्षताओं को प्राप्त कर सकता है।

1. जॉब स्किल्स

कम्पनियाँ या नियोक्ता हमेशा ऐसे उम्मीदवारों की तलाश में रहते हैं, जिनके पास उस कार्य विशेष को करने के लिए उचित कौशल उपलब्ध हो, ताकि वे हर कार्य और जिम्मेदारी को अच्छे ढंग से निभा पाने में समर्थ हों । जॉब स्किल्स में निम्नलिखित स्किल शामिल हैं।

  • मौखिक बात करने की क्षमता (Verbal Communication)
  • अमौखिक संचार (Non- Verbal Communication)
  • लिखित संचार की क्षमता
  • प्रोत्साहित करने की क्षमता
  • नेगोसिएशन की क्षमता
  • तकनिकी कौशल
  • संगठनात्मक कौशल
  • एकाउंटिंग स्किल
  • वित्त कौशल
  • कस्टमर को सर्विस देने की क्षमता
  • दूसरों को सलाह और कोचिंग देने की क्षमता
  • मेच्योरिटी
  • धैर्य बनाये रखने की क्षमता
  • नैतिकता और ईमानदारी
  • प्रेजेंटेशन स्किल
  • सत्यनिष्ठ और प्रमाणिकता
  • साक्षात्कार दक्षता और डिप्लोमेसी
  • काम को समय पर पूरा करने की क्षमता
  • शेड्यूलिंग, रिपोर्टिंग और समय प्रबंधन

2. लीडरशिप स्किल

एक कंपनी का संगठन में जब किसी व्यक्ति को नेतृत्व प्रदान करना होता है, तो उसमें निम्नलिखित स्किल होने चाहिए।

  • निर्णय लेने की क्षमता
  • मेहमाननवाजी
  • आपातकालीन सोच
  • रणनीतिक योजना बनाना
  • संघर्ष का समाधान करने की क्षमता
  • लोगों को प्रबंधन करने की दक्षता
  • समस्याओं को सुलझाने की क्षमता
  • अच्छी सलाह पेश करना
  • सक्रीय होकर सुनने की शक्ति
  • एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल
  • डिटेल्स पर ध्यान देना
  • रिपोर्ट तैयार करना
  • प्रोडक्टिव मीटिंग आयोजित कराना
  • बिजनेस इंटेलिजेंस स्किल
  • डेटा विश्लेषण की क्षमता
  • कोलैबोरेशन की क्षमता
  • टीम की नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता
  • कर्मचारियों का विकास
  • प्राथमिकताएँ तय करने की क्षमता \
  • बजट का प्रावधान
  • मैनेजमेंट में परिवर्तन करने की दक्षता
  • नवाचारों को अपनाना
  • व्यापार चपलता
  • फीडबैक प्रदान करना
  • व्यवसायिक अवलोकन करने की दक्षता
  • कल्पना करने का गुण

3. संगठनात्मक कौशल

एक व्यवसायिक वातावरण में टीम को नेतृत्व प्रदान कर रहे व्यक्ति में इनपुट और उनसे सम्बंधित परिणामों को व्यवस्थित करने का कौशल होना चाहिए। संगठनात्मक कौशल में निम्नलिखित चीजें शमिल हैं।

  • डेटा को वर्गीकृत करने की क्षमता
  • समन्वय स्थापित करना
  • प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
  • लक्ष्य निर्धारित करना
  • सूचना का विश्लेषण करना
  • चीजों को डिजिटली समझने की क्षमता
  • निर्देशों को पालन कराने की क्षमता
  • तर्क कौशल
  • एक साथ कई कार्य करने की क्षमता
  • कार्यान्वयन स्किल
  • प्रोडक्टीवीटी बढ़ाने की क्षमता
  • नियुक्ति प्रबंधन का कौशल
  • इवेंट कोर्डिनेशन
  • आकलन और मूल्यांकन करने की क्षमता
  • डिजाईन स्किल
  • कार्यालय प्रबंधन
  • डेवलपमेंट प्लानिंग

4. व्यक्तिगत जीवन कौशल

व्यक्तिगत जीवन कौशल में निम्नलिखित शामिल हैं ।

  • सहयोग करने की लालसा
  • जिज्ञासा
  • दृढ़ता
  • संवाद
  • किसी भी वातावरण में ढलने की क्षमता अनुकूलन क्षमता
  • ड्राइविंग, पढाई, घर का बजट बनाने की क्षमता
  • अपने व्यक्तिगत खातों को संतुलित करने की क्षमता
  • बुनियादी वित्त कौशल
  • किराने के सामान की लिस्ट बनाने की क्षमता
  • साफ सफाई
  • घर को व्यवस्थित रखने की क्षमता
  • अपने और अपनों के लिए खरीदारी करने की उत्सुकता
  • प्रेरित रहने का गुण
  • तनाव को प्रबंधित करने का गुण
  • हँसना और हँसाना

सॉफ्ट स्किल क्या है

सॉफ्ट स्किल किसी व्यक्ति में निहित वे पारस्परिक गुण होते हैं, जो उसे कार्यस्थल पर सफल होने के लिए आवश्यक हो जाते हैं। आप दूसरों के साथ कैसे काम करते हैं ये उन पर आधारित होते हैं। साधारण भाषा में कहें तो ऐसे स्किल जो टेक्निकल नहीं होते हैं सॉफ्ट स्किल्स कहलाते हैं। ये किसी भी व्यक्ति को उसके कार्यस्थल पर फिट रहने में सक्षम बनाते हैं। इनमें व्यक्ति का व्यक्तित्व, रवैया, आचरण, फ्लेक्सिबिलिटी, शिष्टाचार सम्बन्धी गुण शामिल होते हैं।

सॉफ्ट स्किल्स किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। क्योंकि साक्षात्कार के दौरान अधिकतर मामलों में नियोक्ता एवं कम्पनियाँ किसी उम्मीदवार की सॉफ्ट स्किल्स का ही मूल्यांकन और विश्लेषण करते हैं। और इन्ही आधारों पर तय करते हैं की, किसी उम्मीदवार को रखना है या नहीं। इनमें प्रमुख तौर पर शामिल हैं ।

प्रभावशाली संचार चाहे वह लिखित हो, मौखिक हो, सामजिक हो, प्रजेंटेशन हो, या पब्लिक स्पीकिंग हो।

  • समस्याओं को हल करने की क्षमता।
  • आधारभूत नैतिकता और शिष्टाचार।
  • रचनात्मकता से भरपूर दिमाग।
  • कार्य के प्रति नैतिकता और ईमानदारी।
  • संघर्ष को हल करने की क्षमता।
  • सकारात्मक विचार और सोच।
  • टीम में काम करने की आदत।
  • रिसर्च करने की क्षमता।

हार्ड स्किल क्या है

हार्ड स्किल को टेक्निकल स्किल भी कहा जाता है। इन्हें शिक्षा, व्यवहारिक अनुभव और प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। और ये किसी विशिष्ट जॉब के लिए अलग और अन्य किसी जॉब के लिए अलग हो सकती हैं। कहने का आशय यह है की एक ड्राईवर को ड्राइविंग करनी आनी चाहिए, और ड्राइविंग सीखने के लिए उसे समय प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी। कोई भी कंपनी या व्यकिगत व्यक्ति उस आदमी को अपना ड्राईवर नहीं रखेंगी, जिसे ड्राइविंग आती ही न हो।

इसलिए कहा जा सकता है की हार्ड स्किल एक निश्चित कार्य को करने के लिए आवश्यक तकनिकी कौशल है । या इसे विशेषज्ञता का एक समूह भी कह सकते हैं। 2021 में कुछ प्रमुख हार्ड स्किल की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • सोशल मीडिया मार्केटिंग
  • विडियो एडिटिंग
  • ग्राफ़िक डिजाईन
  • कंप्यूटर मैनेजमेंट
  • सर्वर मेंटेनेंस
  • इंजीनियरिंग
  • HTML/CSS/JavaScript
  • डाटाबेस मैनेजमेंट एंड सॉफ्टवेयर

स्किल डेवलपमेंट क्या है

स्किल डेवलपमेंट एक ऐसी प्रक्रिया है जो आम तौर पर युवाओं में स्किल्स गैप की पहचान कराती है। और उस गैप को भरने के लिए प्रशिक्षण और जरुरी जानकारी मुहैया कराती है। स्किल डेवलपमेंट का प्रमुख उद्देश्य किसी व्यक्ति की क्षमता को बढ़ाना होता है। इसके लिए उचित मार्गदर्शन, उचित इंफ्रास्ट्रक्चर, उचित अवसर प्रदान किये जाते हैं, ताकि उन्हें उनकी महत्वकांक्षाओं की प्राप्ति में मदद मिल सके।

शिक्षा और कौशल सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। क्योंकि इन्हीं के आधार पर तय होता है की कौन सा व्यक्ति क्या काम करने के लायक है। इसलिए इन दो अवयवों को किसी भी देश के आर्थिक विकास की जड़ें कहा जा सकता है । यही कारण है की केंद्र और राज्य सरकारें अपने स्किलिंग पार्टनर्स के साथ युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए तरह तरह के कार्यक्रम चलाती हैं। स्किल डेवलपमेंट करके व्यापार के लाभ में अधिक वृद्धि, बेहतर प्रदर्शन, बेहतर सटीकता, बेहतर गुणवत्ता, बेहतर संचार, बेहतर भर्ती और बेहतर कैरिएर के अवसर प्राप्त किये जा सकते हैं।

स्किल कैसे बढ़ाएं (How to Improve Skills in Hindi):

स्किल को बढ़ाना यानिकी इनमें सुधार करना आपकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को बेहतर बनाने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। स्किल्स में सुधार करने से बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं, और आपके लिए रोजगार के नए नए द्वार खुलते जाते हैं। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति अपने स्किल में सुधार कर सकता है।

  1. कुछ स्किल्स ऐसे होते हैं, जिनकी माँग अन्य की तुलना में अधिक होती है। ऐसे में आप उन स्किल्स की लिस्ट बना सकते हैं। और उन विशिष्ट स्किल्स में सुधार करने के लिए आप खुद के प्रयासों और योग्यता का आकलन भी कर सकते हैं।
  2. यह जानने का प्रयत्न करें की आपको उस स्किल में सुधार करने की आवश्यकता क्यों है । और उस विशेष स्किल्स में सुधार करके आप पाने जीवन को बेहतर कैसे बना सकते हैं। उसके बाद उस स्किल्स में सुधार करने के लिए उससे सम्बंधित प्रशिक्षण और कोर्स पर पैसे निवेश करने से भी पीछे नहीं हटें।
  3. अपने स्किल में सुधार करने के लिए एक निश्चित समय सीमा तय करें । और यह भी निश्चित करें की आप उस कौशल में सुधार करने के लिए तत्पर हैं।
  4. हले ही आप कितना भी दृढ़ निश्चय कर लें, लेकिन कभी कभी विपरीत परिस्थितियों में हताशा, निराशा भी आपको अपने स्किल्स में सुधार करने से रोक सकती है। इसलिए किसी कोच या उपदेशक को अवश्य चुनें। जो समय समय पर आपके उत्साह को बनाये रखेगा।
  5. एक बार जब आप लक्ष्य और माइलस्टोन निर्धारित कर लेते हैं, तो उसके बाद उन्हें धरातल के पटल पर उतारने के लिए एक योजना की आवश्यकता होगी। इसमें स्किल्स को विभिन्न मोड्यूल में विभाजित करना, और प्रत्येक स्किल के लिए आवश्यक विशिष्ट परीक्षण एवं निरंतर अभ्यास करने की योजना शामिल होगी।
  6. स्किल्स में सुधार करना चाहते हैं तो इस तरह का प्रशिक्षण देने वाले पेशेवर संगठनों, लीडरशिप ट्रेनिंग कक्षाओं इत्यादि में बढ़ चढ़कर भाग लें। ताकि जरुरत पड़ने पर आप उनसे सपोर्ट प्राप्त कर पाएँ।
  7. आपके स्किल्स में कितना सुधार हुआ है उसकी मोनिटरिंग की जिम्मेदारी भी आपकी ही है। इसके लिए आप स्वयं से, दूसरों से पूछ सकते हैं, और अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करके इसको माप भी सकते हैं।
  8. कौशल विकास और नई नई चीजों को सीखने की आदत डालें। और एक दिन ऐसा आएगा की आप इसका आनंद लेने लगेंगे। और स्किल में सुधर की प्रक्रिया आपको एक सुखद अनुभव का एहसास दिलाएगी।

मुझे उम्मीद है कि आप सभी लोगों को हमारा यह आर्टिकल जरूरी पसंद आया होगा। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले और आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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