Short Motivational Story In Hindi 2024, Samasyaen Kisakee Nahin Hai समस्याएं किसकी नहीं है? –

Short Motivational Story In Hindi 2024, Samasyaen Kisakee Nahin Hai समस्याएं किसकी नहीं है? –

Samasyaen Kisakee Nahin Hai: समस्याएं सभी को होती है। इसलिए हमें छोटी – छोटी समस्याओ के बारे में ज्यादा सोच कर डिप्रेशन में आने कि जरुरत नहीं है। हमें किसी भी हालत में अपना मन शांत रखना है और हमारे जीवन को शांति से जीना है। इस कहानी (समस्याएं किसकी नहीं है? – Short Motivational Story In Hindi) में उसी के बारे में बताया गया है।

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डिप्रेशन ग्रस्त एक सज्जन जब 50 साल की उम्र से ज्यादा के हुए तो उनकी पत्नी ने एक काउंसलर का अपॉइंटमेंट लिया जो ज्योतिषी भी थे। पत्नी बोली – ये भयंकर डिप्रेशन में है, कुंडली भी देखिये इनकी। और उसकी पत्नी ने बताया की इनके कारण वो भी ठीक नहीं है।

ज्योतिषी ने कुंडली देखी, सब सही पाया। अब उन्होंने काउंसलिंग शुरू की, कुछ पर्सनल बाते भी पूछी और सज्जन की पत्नी को बाहर बैठने को कहा। सज्जन बोलते गए… बहुत परेशान हू, चिंताओं से दब गया हू, नौकरी का प्रेशर, बच्चो का एजुकेशन और जॉब का टेंशन, घर का लोन, कार का लोन! कुछ नहीं करता मै, दुनिया मुझे तोप समझती है पर मेरे पास कारतूस जितना भी सामान नहीं है।

मै डिप्रेशन में हू, कहते हुए पूरे जीवन की किताब खोल दी। तब विद्वान काउंसलर ने कुछ सोचा और पूछा, दसवीं में किस स्कूल में पढ़ते थे? सज्जन ने उन्हें स्कूल का नाम बता दिया। काउंसलर ने कहा – आपको उस स्कूल में जाना होगा। आप वहा से आपकी दसवीं क्लास का रजिस्टर लेकर आना, अपने साथियो के नाम देखना और उन्हें ढूंढकर उनके वर्तमान हालचाल की जानकारी लेने की कोशिश करना।

सारी जानकारी को एक डायरी में लिखना और एक महीने बाद मुझे मिलना। सज्जन स्कूल गए, मिन्नते कर के रजिस्टर ढुँढवाया, फिर उसकी कॉपी करा लाये, जिसमे 150 नाम थे।  महीना भर दिन – रात कोशिश की, फिर भी बहुत मुश्किल से अपने 70 – 75 सहपाठियों के बारे में जानकारी एकत्रित कार पाए।

आश्चर्य! उसमे से 15 लोग मर चुके थे, 5 विधवा/विधुर और 12 तलाकशुदा थे। 10 नशेड़ी निकले जो बात करने के भी लायक नहीं थे। कुछ का पता ही नहीं चला की अब वो कहा है। 4 इतने गरीब निकले कि पूछो मत। 5 इतने अमीर निकले कि यकीन नहीं हुआ। कुछ कैंसर ग्रस्त, कुछ लकवा, डायबिटीस, अस्थमा या दिल के रोगी निकले। एक – दो लोग एक्सीडेंट्स में हाथ – पाँव या रीढ़ कि हड्डी में चोट से बिस्तर पर थे।

कुछ के बच्चे पागल, आवारा या निकम्मे निकले। 1 जेल में था। एक 52 कि उम्र में सेटल हुआ था इसलिए अब शादी करना चाहता था। एक अभी भी सैटल नहीं था पर 2 तलाक के बावजूद तीसरी शादी कि फ़िराक में था। महीने भर दसवीं कक्षा का रजिस्टर भाग्य कि व्यथा खुद सुना रहा था। काउंसलर ने पूछा – अब बताओ, डिप्रेशन कैसा है?

इन सज्जन को समझ आ गया कि उन्हें कोई बीमारी नहीं है, वो भूखे नहीं मर रहे, दिमाग एकदम सही है, कचहरी – पुलिस – वकीलों से उसका पाला नहीं पड़ा, उसके बीवी – बच्चे बहुत अच्छे है, स्वस्थ है, वो भी स्वस्थ है, डॉक्टर अस्पताल से पाला नहीं पड़ा। सज्जन को महसूस हुआ कि दुनिया में वाकई बहुत दुःख है और मै बहुत सुखी और भाग्यशाली हू।

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