Bal Gopal Pooja बाल गोपाल की इस तरह से करें पूजा, मिट जाएंगे सारे कष्ट @storiesviewforall.com

Bal Gopal Pooja : बाल कृष्ण या बाल गोपाल, भगवान श्रीकृष्ण का बाल रूप है। इस रूप में वे अपने एक हाथ में लड्डू लिए हुए हैं। इसलिए उन्हें लड्डू गोपाल भी कहते हैं। अधिकांश हिन्दू घरों में आपको उनकी ये तस्वीर या मूर्ति देखने को मिल जाएगी। ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानि लड्डू गोपाल की पूजा करने से घर की सभी परेशानियाँ दूर हो सकती हैं, साथ ही भक्तों को उनके सारे कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। यही कारण है कि अधिकतर लोग अपने घर में लड्डू गोपाल रखते हैं।

Bal Gopal Pooja
                                                                                          Bal Gopal Pooja

हिन्दू धर्म में हर एक देवी-देवता के लिए एक निश्चित पूजा नियम का विधान है। इसी कड़ी में बाल कृष्ण की पूजा का विधान भी शास्त्रों में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि यदि पूजा-पाठ में छोटी-छोटी कोई कमी भी रह जाती है तो पूजक या साधक को उसकी साधाना का पूर्ण फल नहीं मिल पाता है।

कौन है बाल गोपाल? Bal Gopal Pooja

द्वापर युग में भगवान विष्णु जी ने कृष्ण जी (लड्डू गोपाल) के रूप में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को वसुदेव की पत्नी देवकी की कोख से कारावास में जन्म लिया था। इसलिए भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रति वर्ष भारत सहित अन्य देशों में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। नंद गोपाल विष्णु जी के आठवें अवतार थे। Bal Gopal Pooja

श्रीकृष्ण का जन्म भले ही मथुरा के कारावास में हुआ हो लेकिन उनका लालन पालन गोकुल धाम में नंद और यशोदा के घर पर हुआ था। उनकी बालाओं और राधा के साथ रास लीलाएँ आज भी अमर हैं। श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया और भारत के पश्चिम राज्य गुजरात में जाकर द्वारिका नगरी बसाई। महाभारत के युद्ध में उन्होंने पाण्डवों का साथ दिया और अर्जुन को श्रीमद्भगवत गीता का पाठ पढ़ाया।

Bal Gopal Pooja
Bal Gopal Pooja
रंगभरी एकादशी पर सालों बाद बन रहे हैं बेहद दुर्लभ संयोग, जैकपॉट के लिए तैयार रहें ये राशि वाले!

बाल कृष्ण की पूजा विधि

अगर कोई जातक सही विधि से बाल गोपाल की पूजा ( Bal Gopal Pooja) करे तो बाल गोपाल जल्दी प्रसन्न होते हैं। इनकी प्रसन्नता से घर में किसी चीज की कमी नहीं रहती है। व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। 

  • रोज सुबह जल्दी उठें।
  • स्नान के बाद घर के मंदिर में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले करें।
  • गणेश जी को गंगाजल या पंचामृत से स्नान कराए। तथा उन्हें वस्त्र अर्पित करें।
  • गंध, फूल, धूप-दीप, चावल, प्रसाद चढ़ाएं।
  • गणेश जी के बाद बाल गोपाल की पूजा करें।
  • कान्हाजी को गंगाजल पंचामृत से स्नान कराए।
  • पंचामृत दूध, दही, घी, शदर और मिश्री मिलाकर बनाएँ।
  • स्नान दक्षिणावर्ती शंख से कराएँगे तो ज्यादा शुभ रहेगा।
  • स्नान के बाद भगवान को वस्त्र, गंध, फूल, धूप-दीप, चावल, तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
  • प्रतिमा को फूल माला पहनाएं, चंदन से तिलक लगाएं।
  • उन्हें मोर पंख अर्पित करें।
  • बाल गोपाल को माखन, मिश्री, तुलसी का भोग लगाएँ।
  • श्रीकृष्ण के मंत्र “कृं कृष्णाय नम:” का जाप कम से कम 108 बार करें।
  • अगर आपके घर में बाल गोपाल हैं तो मांस-मदिरा, अधार्मिक कार्यों से बचना चाहिए।
  • बाल गोपाल को रोज स्नान करना बहुत जरूरी है।
  • इसके श्रृंगार, पूजा, भोग, आरती और शयन ज़रूर कराए।
  • बाल गोपल की पूजा और उन्हें भोग लगाएँ बिना स्वयं भोजन न करें।
  • उन्हें भोग लगाने के बाद भोजन प्रसाद बन जाएगा।
  • घर में वाद-विवाद न करें।
  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • घर के आंगन में तुलसी ज़रूर लगाएँ।

Sunderkand Path Benefits: मान सम्मान चाहिए तो मंगलवार-शनिवार जरूर करें हनुमान जी की पूजा, हैरान कर देंगे सुंदरकांड पाठ के फायदे

कान्हा को प्रिय है माखन-मिश्री का भोग Bal Gopal Pooja

बचपन में लड्डू गोपाल यानि कान्हा जी नटखट स्वभाव के थे और उन्हें माखन बेहद पसंद था। ऐसा कहा जाता है कि माता यशोदा उन्हें रोज माखन खिलाती है। उन्हें माखन इतना पसंद था कि वे पूरे गांव में मथा हुआ माखन अपने बाल मित्रों के साथ चुरा कर खा जाते थे। इसी कारण वश उनका एक नाम माखन चोर भी पड़ा था। Bal Gopal Pooja

जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाए जाने का विधान हैं। इसके पीछे का तात्पर्य यह है कि नंद गोपाल को छप्पन भोग भी प्रिय था। परंतु छप्पन व्यंजनों का भोग श्रीकृष्ण जी को लगाना हर किसी का सामर्थ नहीं होता है। अतः जो व्यक्ति उन्हें छप्पन भोग नहीं लगा सकता है वह उन्हें केवल माखन-मिश्री का भोग लगा सकता है। ऐसे में उस व्यक्ति को छप्पन भोग के समान ही फल प्राप्त होगा।

बाल गोपाल की पूजा के लाभ

  • जो कोई बाल कृष्ण की आराधना सच्चे हृदय से करता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं।
  • नंद गोपाल की पूजा से मनुष्यों की अन्तः करण की शुद्धि, और वैराग्ययुक्त ज्ञान-विज्ञान की प्राप्ति हो जाती है।
  • श्रीकृष्ण की आराधना से लोगों का जीवन कल्याणमय हो जाता है।
  • श्रीकृष्ण शनि के अच्छे मित्र हैं अतः इनकी पूजा से शनि के बुरे प्रभावों का असर भी दूर हो जाता है।
  • बाल गोपाल की पूजा करने से व्यक्ति मानसिक और शारीरिक कष्टों से दूर रहता है।
  • व्यक्ति के अंदर न्याय, ईमानदारी और अनुशासन का गुण कृष्ण की कृपा से ही आता है।
लोकप्रिय कृष्ण भजन
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
हे नाथ नारायण…॥
एक मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
हे नाथ नारायण…॥
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥बंदी गृह के तुम अवतारी
कही जन्मे कही पले मुरारी
किसी के जाये किसी के कहाये
है अद्भुद हर बात तिहारी॥ है अद्भुद…॥
गोकुल में चमके मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥
अधर पे बंशी ह्रदय में राधे
बट गए दोनों में आधे आधे
हे राधा नागर हे भक्त वत्सल
सदैव भक्तों के काम साधे॥ सदैव भक्तों…॥
वही गए वही गए वही गए
जहाँ गए पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥गीता में उपदेश सुनाया
धर्म युद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा
यह सन्देश तुम्ही से पाया
अमर है गीता के बोल सारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देवा<
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा॥हरी बोल, हरी बोल,
हरी बोल, हरी बोल॥

राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा॥

बाल गोपाल की इस तरह से करें पूजा, मिट जाएंगे सारे कष्ट @storiesviewforall.com

मान्यता है कि श्री कृष्ण अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं। उनकी आराधना से भक्तों के जीवन का कल्याण हो जाता है। आज भी मथुरा-वंदावन और गोगुल के धामों में श्री कृष्ण के भक्त उनकी सच्चे हृदय से आराधना करते हैं। मीरा जी, भगवान श्रीकृष्ण की सबसे बड़ी भक्त थीं। उन्होंने अपने निजी जीवन इतना कष्ट झेला लेकिन बावजूद इसके वह कृष्ण के गुणगान में लगी रहीं। ऐसा कहते हैं कि उनकी आराधना से प्रसन्न होकर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें दर्शन दिए थे।

Leave a Comment